- योगी सरकार प्रदेश में टीबी के प्रीजेम्टिव केसों की बढ़ाएगी जांच
- – प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के पीएम मोदी के संकल्प को देखते हुए सीएम योगी ने लिया फैसला
- – स्टेट टीबी अफसर ने सभी डीटीओ को जारी किए निर्देश
- – हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में एक्टिव केस फाइंडिंग कैम्पेन चलाने व क्षय रोगियों के संपर्क में रहने वाले समस्त व्यक्तियों की जांच कराने की भी हिदायत
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश को वर्ष 2025 तक ट्यूबरक्लोसिस मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए अलग-अलग तरीके से टीबी के मरीजों को खोजने का काम और उनका इलाज किया जा रहा है। इसी क्रम में योगी सरकार ने अब प्रीजेम्टिव (अनुमानित) केसों की ज्यादा से ज्यादा जांच कराने का फैसला किया है। स्टेट टीबी अफसर डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने इस संबंध में सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि सभी जिले प्रीजेम्टिव टीबी के केसों की जांच बढ़ाएं। पत्र के मुताबिक इस साल प्रीजेम्टिव टीबी इक्जामिनेशन रेट 2000 प्रति लाख जनसंख्या प्रति वर्ष होना चाहिए। ज्यादातर जिले इस लक्ष्य को अभी तक प्राप्त नहीं कर सके हैं इसलिए साल के बचे कार्यदिवसों में लक्ष्य को प्राप्त करें।