अवैध बस्तियां बसाने वाले माफिया और सरकारी कर्मचारियों की आएगी आफत

Yogi Adityanath
  • अवैध झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का होगा सर्वे
  • आजादी के बाद पहली बार नारकीय जिंदगी जी रहे लोगों का योगी सरकार कराएगी सर्वे
  • जरूरतमंद और पात्र लोगों को रहने के लिए आवास की व्यवस्था करेगी सरकार
  • गरीबों के बीच छिपे अवांछनीय और आपराधिक तत्वों को किया जाएगा चिह्नित

लखनऊ। प्रदेश के शहरों में अवैध झुग्गी-झोपड़ी में नारकीय जीवन गुजारने वालों लोगों का योगी सरकार (Yogi Sarkar) सर्वे कराने जा रही है। नगर विकास विभाग, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के समन्वय से होने वाले इस सर्वेक्षण में ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, जो सरकार की ओर से आवास के पात्र हों। इसके अलावा ऐसे लोगों के बीच छिपे असामाजिक तत्वों को भी चिह्नित करने का काम होगा। साथ ही साथ उन माफिया (Mafia) और सरकारी कर्मचारियों (Government Employee) को भी चिह्नित करने का अभियान चलेगा जो सरकार की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कराके झुग्गी झोपड़ियों की बस्तियां बसा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लखनऊ में शुरू किया जाएगा। इसके तहत गोमती नदी के किनारे के इलाकों का व्यापक रूप से सर्वेक्षण करने का निर्देश सीएम ने अधिकारियों को दिया है। इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे अभियान के रूप में चलाया जा सकता है।

नारकीय जिंदगी जी रहे लोगों को दें बेहतरीन सुविधा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों की जानकारी इकट्ठा की जाए। इनका जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए। इसमें ये देखा जाए कि कौन से ऐसे लोग हैं जिन्हें पहले आवास उपलब्ध कराया गया था, बावजूद इसके वो अवैध कब्जा किये हुए हैं। ऐसे लोगों की भी लिस्ट बनाएं जो लखनऊ या यूपी से संबंध नहीं रखते हैं और यहां अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके बाद जरूरतमंदों को आवास की मुकम्मल व्यवस्था की जाए। उन्हें बेहतरीन सुविधा देने के लिए उनके लिए हाई राइज बिल्डिंगों का निर्माण हो, बाजार, पार्क और उनके बच्चों के लिए स्कूल की व्यवस्था हो।

माफिया और सरकारी कर्मचारियों के गठजोड़ को चिह्नित करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है इसके साथ ही ये भी पता करें कि अवैध रूप से लोगों को सरकारी जमीनों पर बसाने वाले कौन माफिया हैं। उन विभागीय लोगों को भी चह्नित करें जो अवैध बस्तियों को बसाने के काम में माफिया के मददगार बने हुए हैं। आवश्यक्ता पड़ने पर ऐसे तत्वों के खिलाफ ना सिर्फ एफआईआर लॉज करें, बल्कि कागजों में हेराफेरी करके अवैध बस्तियां बसाने वाले सरकारी कर्मचारियों को विभागीय और कानूनी रूप से दंडित किया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिलाधिकारी को लीड करने के लिए कहा है। सीएम ने तय समय में सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी इंसान का नारकीय स्थितियों में जीवन यापन करना स्वीकार्य नहीं है। ऐसे लोगों के पुनर्वास के लिए मुकम्मल प्लान तैयार किया जाए।

माफिया की संपत्ति को जब्त करें, उसपर बनाएं गरीबों के लिए मकान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गरीब जनता की मजबूरियों का फायदा उठाकर उन्हें अवैध रूप से बसाने वाले मास्टरमाइंडों को चिह्नित किया जाए। गरीबों की आड़ में अक्सर असामाजिक तत्वों को भी बसाने का काम किया जाता है। ऐसे तत्व बाद में शहरों में राहगीरों से छिनैती, महिलाओं से छेड़खानी और व्यापारियों से लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं। इसलिए जल्द से जल्द एक-एक व्यक्ति का डेटा तैयार करें। साथ ही सरकारी जमीनों पर अवैध बस्तियां बसाने वाले मास्टरमाइंड की प्रॉपर्टी को जब्त करने की कार्रवाई करें। ऐसे मास्टरमाइंडों की प्रॉपर्टी पर ही हाई राइज बिल्डिंग बनाकर गरीबों को आवंटित करें। जबतक ऐसे माफिया तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तबतक ये नहीं सुधरेंगे। जिला प्रशासन, विकास प्रधिकरण, पीडब्ल्यूडी, नगर विकास और पुलिस के अधिकारी जल्द से जल्द बैठक करके एक समय सीमा तय करते हुए सर्वेक्षण के कार्य को अंजाम दें।

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